बहुपद की परिभाषा ( Defination of Polynomial):
चर अचर में चर के गुणांक तथा ऋणेतर घातांक के जोड़, घटना और गुणा की क्रिया वाले बीजगणितीय व्यंजकों को बहुपद कहा जाता हैं।
बहुपद किसे कहते हैं
प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं।
Ex. a + a₁x + a₂x² + a₃x³ +…………… + anxⁿ के रूप में रहने वाले व्यंजक को बहुपद कहते हैं।
यहां a, a₁, a₂, a₃ ……an अचर वास्तविक संख्याएँ है और n पूर्ण संख्या हैं।
Ex. (a) 4x² + 4x + 9 , (b) 3x⁵ + 5y³ + x²
बीजीय बहुपद (Algebraic Polynomial):
चर एवं अचर बहुपद को शामिल करने से जो फैक्टर प्राप्त होते हैं उन्हे बीजीय बहुपद कहा जाता हैं।
Ex. (a)x + 2, (b)7+a
बहुपद के प्रकार (Types of polynomial):
बहुपद समुह के आधार पर दो प्रकार के होते हैं।
1. चर बहुपद
2. अचर बहुपद
आईए जानते हैं इनके बारे में डिटेल से।
1. अचर बहुपद: बहुपद का ऐसा पद जिसका मान हमेशा स्थिर रहता हैं वह अचर बहुपद कहलाता हैं।
Ex. (a)4x + 5, (b)2x – 2,
2 और 5 अचर बहुपद है क्योंकि इनका मान सदैव स्थिर रहता हैं।
Note : चर बहुपद वास्तविक या काल्पनिक दोनों संख्या हो सकते हैं।अचर बहुपद का घात शून्य होता हैं।
2. चर बहुपद: बहुपद के ऐसे पद जिनके मान हमेशा बदलते रहते हैं वह चर बहुपद कहलाते हैं।
Ex. (a) x² + 8x + 4 (b) 5x² + 4x + 9
Note :
चर बहुपद कभी भी काल्पनिक नही होते हैं।
चर बहुपद x, y, z द्वारा सूचित किये जाते हैं।
बहुपद की पहचान
1. यदि किसी व्यंजक के सभी पदों की घाते एक धनात्मक पूर्णाक होती है, तो वे बहुपद कहलाते हैं।
Ex. (a) 7x² -x +0 एक बहुपद है क्योकि x की घात धनात्मक हैं।
(b) x² +√2 एक बहुपद हैं।
2. ऐसे व्यंजक जिनके घाते भिन्न, ऋणात्मक पूर्णाक या अपरिमेय संख्या होते हैं तो वेबहुपद नहीं कहलाते हैं।
Ex. (a) √x +√7 बहुपद नहीं है क्योकि x की घात परिमेय संख्या नही है।
(b) 3+ x⁻² बहुपद नही है क्योंकि यह घात ऋणात्मक हैं।
बहुपदों का घात:
बहुपदों में चर की महत्तम घात को बहुपद की घात कहा जाता है।
Ex.
(a) 3x² + x + 6में चर की अधिकतम घात 2 हैं।
(b) 7x³ + 2x + 8 में चर की अधिकतम घात 3 हैं।
व्यंजक की घात के अधार पर बहुपदों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार हैं।
1. शून्य बहुपद (Zero Polynomials) : p(x) = 0 को शून्य बहुपद कहते हैं।
2. रैखिक बहुपद (Linear Polynomials) : एक घात वाले बहुपदों को रैखिक बहुपद कहते हैं।
Ex. ax + 5, जहाँ a ≠ 0 आदि
3. द्विघात बहुपद (Quadratic Polynomials): दो घात वाले बहुपदों को द्विघात बहुपद कहते हैं।
Ex. ax² + bx + 6, जहाँ a ≠ 0 द्विघात बहुपद हैं।
4. त्रिघाती बहुपद (Cubic Polynomials) : तीन घात वाले बहुपदो को त्रिघात बहुपद कहते हैं।
Ex. ax² + bx² + cx + 9 जहाँ a ≠ 0, एक त्रिघाती बहुपद हैं।
5. एकपदीय बहुपद (Monomial) : एक पद वाले बहुपदो को एकपदीय बहुपद कहते हैं।
Ex. (a) x, (b) 3x, (c) 7y², (d) 8a³
6. द्विपदीय बहुपद (Binomial) : दो पदों वाले बहुपदो को द्विपदीय बहुपद कहते हैं।
Ex. (a)x + 3, (b) 2x² + 6, (c) 2y² − 9
7. त्रिपदीय बहुपद (Trinomial) : तीन पदों वाले बहुपदो को त्रिपदीय बहुपद कहते हैं।
Ex.(a) x² + 2x + 5, (b) 2x³ + x² – 5x
बहुपदों के शून्ययक (Zeroes of Polynomials):
किसी बहुपद के चर के वे सभी मान जो बहुपद को शून्य कर दे वे मान बहुपद कै शून्ययक कहलाते हैं।
Ex. ax + b का शून्ययक -b/a होता हैं।
बहुपद के शून्यको एवं गुणांको में सम्बन्ध (Relations between zeroes and polynomial):
1. रैखिक बहुपद :(Liner polynomial):
p(x) = ax + b जहाँ a ≠ 0 तब p(x) का शून्ययक 1 होता है। –b/a = – अचर पद / x का गुणांक
2. द्विघात बहुपद(Quadratic polynomial) :
p(x) = ax² + bx + c, जहाँ a ≠ 0 का शून्ययक 2 होता हैं। उन्हें ग्रीक अक्षर α (एल्फा) और β (बीटा) से व्यक्त किया जाता हैं।
तब शून्यक (α, β) = – b ± √(b² – 4ac) / 2a
शून्यको का योगफल α + β =–b/a=अचर/x का गुणांक
शून्यको का गुणनफल = c/a = अचर/(x का गुणांक)
अतः [ax² + bx + c = (α – x) (β – x)]
3. त्रिघात बहुपद (tertiary polynomial):
P(x) = ax³ + bx² + cx + d, a ≠ 0 के तीन शुन्यक होते हैं जिन्हें α ,β, γ से डिनोट करते हैं।
α + β + γ = -b/a = x² का गुणांक/x³ का गुणांक
αβ + βγ + γα = c/a = x का गुणांक/x³ का गुणांक αβγ = अचर पद/x³ का गुणांक
शेषफल प्रमेय (Remainder Theorm):
यदि p(x) बहुपद हो, जिसको (x – a) से भाग दिया जाता है, तो शेषफल P(a) होता हैं। यहाँ घात n>1
Ex. x – a = 0 इसलिए x = a
Note : 1. बहुपद P(x) में (x+a) से भाग देने पर शेषफल P(-a) आता है।
2. बहुपद P(x) में (ax+b) से भाग देने पर शेषफल
P(-b/a) आता है।
गुणनखंड प्रमेय (Factor Theorem):
यदि p(x) कोई बहुपद है, जिसकी घात n>1 हो (x–1) से भाग करने पर शेष P(a) = 0 हो तो (x – a), p(a) का एक गुणनखंड होता है।
परिमेय व्यंजक (rational expression): p(x) एवं q(x) दो बहुपद हो एवं q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) को परिमेय व्यंजक कहते हैं।
यदि बहुपद P(x) को बहुपद G(x) से विभाजित किया जाए और शेषफल R(x) = 0 हो तो बहुपद G(x) बहुपद P(x) का एक गुणनखंड होता है और यदि G(x), P(x) का एक गुणनखंड है, तो शेषफल R(x) शून्य (0) होता है।
यहां P(x)×Q(x)=G(x)×R(x)
बहुपद से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु:
1. बहुपद के घातो के बढ़ते या घटते क्रम के रूप बहुपद के मानक रूप कहलाते हैं।
2. बहुपदों के योगफल, अंतर और गुणनफल हमेशा एक बहुपद होते हैं।
3. बहुपद के चर की उच्चतम घात बहुपद की घात कहलाती है।
4. द्विघात बहुपद में शुन्यकों की संख्याए दो α और β होती हैं।
5.दो बहुपदों का भाग सदैव बहुपद नहीं होता है।
6. त्रिघातीय बहुपदो में शुन्यकों की संख्याए तीन α, β, γ होती हैं।
7.यदि P(x) और q(x) बहुपद हैं और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) एक परिमेय व्यंजक होता है।
यह बहुपद तब होगा, जब q(x), P(x) का एक गुणनखंड होगा।
8. प्रत्येक बहुपद एक परिमेय व्यंजक होते हैं, परन्तु प्रत्येक परिमेय व्यंजक बहुपद नही होते हैं।
9. P(x) / q(x), q(x) ≠ 0 का गुणात्मक व्युत्क्रम q(x) / P(x) होता है यदि P(x) ≠ 0
10. बहुपदों के शून्य के साथ गुणन सदैव शून्य होते हैं।
11. P(x) / q(x) लघुत्तम रूप में तभी होगा, जब P(x) और q(x) का महत्तम समपवर्त्तक 1 हो।
बहुपद की जोड़, घटाना, गुणा, भाग की क्रियाएं: ये निम्न प्रकार हैं।
बहुपदों का जोड़ (Addiction of polynomial):
जब दो या दो से अधिक बहुपदो को जोड़ते हैं तो दोनो फैक्टर से केवल समान पद जोड़े जाते हैं। ये समान चर और समान घात वाले पद होते हैं। इन्हे सजातीय पद भी कहते हैं।
Ex. बहुपद 4x² + 4x + 8 और 4x² + 2x + 9को जोड़िए ?
Solution. 4x² + 4x + 8 + 4x² + 2x + 9
(4x² + 4x²) + (4x + 2x) + (8+ 9)
8x² + 6x + 17 ans.
बहुपदों का घटाना(Substraction of polynomial):
बहुपदों का घटाना भी समान व असमान के साथ होता है।
Ex. (9x² - 3x + 7) - (8x² + 5x + 7)
Solution.
(9x² - 3x + 7) - (8x² + 5x + 7)
9x² - 3x + 7- 8x² - 5x - 7
9x² - 8x² -3x - 5x +7- 7
x² -8x + 0
x² -8x ans.
बहुपदों का गुणा (Multiplication of polynomial):
जब दो या दो से अधिक बहुपदों के गुणन किये जाते हैं तो गुणनफल हमेशा उच्च घात वाले बहुपद होते हैं। यदि दोनो बहुपदों में, यदि एक या दोनों बहुपद अचर बहुपद है तो घात वही रहेगी। बहुपदों के गुणा में चरों की घातो को घातांक के नियमों द्वारा जोड़े या घटाए जाते हैं।
Ex. बहुपद 5x ⨯ 7y का गुणा कीजिए ?
Solution. 5x ⨯ 7y
= (5⨯ 7) ⨯ (x ⨯ y)
= 35xy ans.
बहुपदों का भाग (Division of polynomial):
बहुपद के विभाजन में, भागफल कम से कम घात वाले बहुपद होते हैं और यदि उनमें से एक अचर बहुपद है तो घात वही रहेगी।
Ex. बहुपद 8x² ÷ 2x से भाग कीजिए ?
Solution. 8x² ÷ 2x = 4x ans.
इस प्रकार आपने पढ़ा कि बहुपद क्या होते हैं। उम्मीद है आपलोग को अच्छे से समझ आ गया होगा। अगर लेख पसंद आए तो शेयर करें।
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धन्यवाद।
FAQ
Qua. बहुपद में कितने पद होते हैं?
Ans. एक पद वाले बहुपद को एकपदी (monomial), दो पद वाले बहुपद को द्विपदी (binomial) और तीन पद वाले बहुपद को त्रिपदी (trinomial) बहुपद कहते हैं।
Qua.बहुपद किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. बहुपद दो प्रकार के हो सकते हैं। अचर बहुपद वास्तविक या काल्पनिक, दोनों संख्या हो सकते है। अचर बहुपद का मान सदैव स्थिर रहता है।
Qua.बहुपद कार्य क्या है?
Ans. एक बहुपद एक ऐसा फलन है जिसमें द्विघात समीकरण, घन समीकरण आदि जैसे समीकरण में केवल गैर-ऋणात्मक पूर्णांक घात या एक चर के केवल सकारात्मक पूर्णांक घातांक शामिल होते हैं।

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